बवासीर (Piles) एक आम और बेहद तकलीफ़ देने वाला रोग है, जो खराब खानपान और अनियमित जीवनशैली की वजह से तेजी से बढ़ रहा है। इस बीमारी को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि सही समय पर बवासीर के लिए आयुर्वेदिक दवा और लाइफस्टाइल सुधार से इसे जड़ से खत्म किया जा सकता है।
बवासीर क्या है - Bawasir kya hai?
आयुर्वेद में बवासीर को "अर्श" कहा गया है। इसके दो प्रकार होते हैं:
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खूनी बवासीर (Bleeding Piles): जिसमें मलत्याग के समय खून आता है।
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सूखी बवासीर (Non-Bleeding Piles): जिसमें मस्से बन जाते हैं और दर्द या जलन होती है।
बवासीर के कारण - Bawasir ke Karan
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लंबे समय तक कब्ज रहना
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मसालेदार और तली-भुनी चीजों का सेवन
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बार-बार डायरिया या लूज़ मोशन
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लंबे समय तक बैठकर काम करना
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भारी वजन उठाना
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गर्भावस्था के दौरान दबाव
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धूम्रपान और शराब की आदत
बवासीर के लक्षण - Bawasir ke Lakshan
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मलत्याग के समय खून आना
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गुदा क्षेत्र में खुजली व जलन
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मस्सों का होना
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बैठने में तकलीफ
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गुदा क्षेत्र में सूजन और दर्द
बवासीर के लिए आयुर्वेदिक दवा - Bawasir ke liye Ayurvedic Dawa
आयुर्वेद बवासीर को वात, पित्त और कफ असंतुलन का परिणाम मानता है। इसका उपचार शरीर के अंदर संतुलन लाकर किया जाता है। कुछ असरदार दवाइयाँ:
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त्रिफला चूर्ण – पाचन सुधारता है, कब्ज मिटाता है और आंतों की सफाई करता है।
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अरशोघ्नी वटी – खूनी और सूखी दोनों प्रकार की बवासीर में असरदार।
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कुटज घनवटी – खूनी बवासीर और दस्त नियंत्रित करने में लाभकारी।
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नागकेशर – खूनी बवासीर में खून रोकने में सहायक।
बवासीर का घरेलू इलाज - Bawasir ka Gharelu Ilaj
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एलोवेरा जेल गुदा क्षेत्र पर लगाएं, इससे सूजन और जलन कम होती है।
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नारियल तेल मस्सों पर दिन में 2-3 बार लगाएं।
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बर्फ से सेकाई करने से दर्द और सूजन कम होती है।
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अनार का छिलका और मिश्री पानी के साथ लेने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।
बवासीर के लिए सही डाइट - Bawasir ke liye Sahi Diet
क्या खाएं:
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हरी सब्जियां, फल, दालें
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पर्याप्त पानी (8–10 गिलास)
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दही और छाछ
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दलिया, ब्राउन राइस, ओट्स
क्या न खाएं:
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मसालेदार और तली-भुनी चीजें
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रेड मीट
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शराब और धूम्रपान
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ज्यादा कॉफी और चाय
बवासीर के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव - Bawasir ke liye Lifestyle mein Badlaw
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सुबह गुनगुना पानी पीने की आदत डालें।
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लंबे समय तक एक जगह न बैठें, बीच-बीच में टहलें।
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मलत्याग को दबाएं नहीं और ज़ोर न लगाएं।
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योग और प्राणायाम जैसे पवनमुक्तासन, वज्रासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन करें।
FAQs: बवासीर से जुड़े आम सवाल-जवाब
1. बवासीर के लिए आयुर्वेदिक दवा से क्या फायदा होता है?
आयुर्वेदिक दवा कब्ज दूर करती है, खून रोकती है और मस्सों को सुखाने में मदद करती है।
2. खूनी बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज कैसे करें?
त्रिफला चूर्ण, नागकेशर और एलोवेरा जेल का सेवन और उपयोग करें। साथ ही फाइबर युक्त आहार लें।
3. क्या बवासीर में त्रिफला चूर्ण फायदेमंद है?
हाँ, त्रिफला चूर्ण कब्ज मिटाकर बवासीर के दर्द और खून को कम करता है।
4. बवासीर में कौन सी घरेलू दवा सबसे असरदार है?
एलोवेरा जेल और नारियल तेल बवासीर की सूजन और दर्द कम करने में असरदार हैं।
5. क्या ऑपरेशन के बिना बवासीर ठीक हो सकती है?
हाँ, सही समय पर आयुर्वेदिक दवा और खानपान से बिना ऑपरेशन के इलाज संभव है।
6. क्या गर्भावस्था में बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज सुरक्षित है?
हाँ, लेकिन डॉक्टर की सलाह लेकर ही दवाइयों का सेवन करें।
7. क्या बवासीर में दूध पी सकते हैं?
अगर दूध से कब्ज नहीं होती तो सीमित मात्रा में पी सकते हैं, वरना दही या छाछ लें।
8. क्या योगासन से बवासीर का इलाज संभव है?
हाँ, पवनमुक्तासन और वज्रासन बवासीर के दर्द और कब्ज को कम करने में मदद करते हैं।
9. बवासीर के लिए सही डाइट कैसी होनी चाहिए?
फाइबर युक्त भोजन, दही, छाछ और पर्याप्त पानी सबसे बेहतर विकल्प हैं।
10. क्या धूम्रपान और शराब बवासीर बढ़ाते हैं?
हाँ, ये पाचन तंत्र को कमजोर कर बवासीर की समस्या को और बढ़ा सकते हैं।